बरेली हिंसा के तीनों मास्टरमाइंड गिरफ्तार हो चुके हैं. पुलिस ने सबसे पहले मौलाना तौकीर रजा, फिर नदीम और आखिरी में डॉ. नफीस को गिरफ्तार किया है. नदीम मौलाना का लेफ्ट हैंड माना जाता है. नदीम ने ही लोगों को व्हाट्सएप कॉल करके बरेली बुलाया था. हालांकि जो इनकी साजिश थी. वो बहुत खतरनाक थी. साजिश के मुताबिक करीब 40000 लोगों को बुलाने की तैयारी थी और इन सभी को 100-100 के ग्रुप में 390 मस्जिदों में ठहराने की व्यवस्था की गई थी. पुलिस ने यह भी खुलासा किया है जुम्मे की नमाज के बाद बवाल करने की साजिश बहुच पहले रची गई थी.
दूसरी ओर बरेली विकास प्राधिकरण की टीम ने उसके करीबियों की छह संपत्तियां चिह्नित कर लीं, जिनका निर्माण मानक के अनुरूप नहीं किया गया। दिनभर अलग विभागों की कार्रवाई के बीच पुलिस ने आइएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम समेत उपद्रव के 28 अन्य आरोपितों को जेल भेज दिया। सतर्कता के दृष्टिगत प्रशासन ने इंटरनेट बंदी 24 घंटे के लिए बढ़ा दी है। अब 30 सितंबर की रात 12.30 बजे बाद इंटरनेट सेवा सुचारू होगी।
अधिकारियों के अनुसार, 1992 में नॉवल्टी चौराहा (मुख्य बाजार) पर पहलवान साहब की मजार की देखरेख करने वाले व्यक्ति को तौकीर के लोगों ने साजिशन हटाकर अपना करीबी बैठा दिया। इसके बाद मजार की आड़ में दुकानें बनवाई जाने लगीं, जोकि अब तीन मंजिल बाजार के स्वरूप में हैं। तौकीर पर्दे के पीछे रहता, जबकि उसका करीबी नफीस दुकानों से किराया वसूलकर उसे पहुंचाता था। कुछ दुकानों की बिना कागज बिक्री भी कर दी गई थी। 1995 में नगर निगम ने नोटिस जारी किया कि उसकी भूमि पर अवैध दुकानें व मजार बनी है।