भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर भारत विरोधी शक्तियों के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने का षड्यन्त्र रच रहे हैं, जिससे देश के नागरिक आक्रोशित हैं।
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जब भारत में संसद का सत्र चल रहा था तब देश के नेता प्रतिपक्ष की प्रमुख जिम्मेदारी सदन में उपस्थित रहने की थी, लेकिन वो जर्मनी के हार्टी स्कूल में भारत विरोधी डॉ. कार्नेलिया वोल से मुलाकात कर रहे थे।
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जॉर्ज सोरोस की संस्था ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की फंडिंग से ही सेंट्रल युरोपियन यूनिवर्सिटी चलती है और यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में कार्नेलिया वोल शामिल हैं।
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यह कौन सा भारत विरोधी एजेंडा है कि जब भारत में संसद का सत्र चल रहा होता है या शुरू होने वाला होता है तो भारत के नेता प्रतिपक्ष, भारत के खिलाफ षड्यन्त्र करने वाली भारत विरोधी शक्तियों से मिलने चले जाते हैं?
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जिस तरह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भारत विरोधी शक्तियों के साथ ‘ईलू-ईलू’ कर रहे हैं, वो अब भारत के मीर जाफर बन चुके हैं।
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भारत में एक वर्ग राहुल गांधी की हरकतों को बचकानी कहकर कवर करता है। राहुल 55 वर्ष के हैं, 5 वर्षों के बाद वृद्धअवस्था में आ जाएंगे और पेंशन लेने लगेंगे। यह स्पष्ट हो गया है कि राहुल गांधी बहुत शातिर हैं और आदतन भारत विरोधी हरकतें करते हैं।
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जब हाफिज सईद जैसे आतंकवादी राहुल गांधी की प्रशंसा करते हैं तो देशवासियों के मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर राहुल गांधी किन शक्तियों से मिलते हैं? और किनके लिए काम कर रहे हैं?
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एक कहावत है कि ‘कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती’, उसी प्रकार भारत विरोधी बयान देने की आदत पड़ जाने पर भी यह प्रवृत्ति बार-बार सामने आती रहती है। आज पूछता है भारत कि जॉर्ज सोरोस की पूंछ कौन है?
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पश्चिम बंगाल में शीघ्र ही चुनाव होने वाले हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी संभावित हार का आभास हो चुका है, इसी हताशा में तृणमूल कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति कर रही है और अपने नेताओं से विभाजनकारी बयान दिलवा रही है।
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तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के वक्तव्य से करोड़ों हिंदू आहत हुए हैं। ममता बनर्जी और उनके नेता हिंदू मान्यताओं तथा हिंदुओं की आस्था के प्रतीकों का न तो सम्मान करते हैं और न ही उनका आदर करते हैं।
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वर्ष 2019 में जब पश्चिम बंगाल में एक हिंदू अनुयायी ने जय श्री राम का नारा लगाया था तो ममता बनर्जी को गुस्सा आया और उन्होंने गाड़ी रुकवाकर उतरते हुए यह कहा कि ‘जय श्री राम बोला तो तेरी चमड़ी उधेड़ दूंगी’।
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आज देश यह प्रश्न पूछ रहा है कि वह कौन सी सोच है जिसके तहत ममता बनर्जी हिंदुओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक मानती हैं? इसी सोच के विरुद्ध आज पूरा देश आवाज उठा रहा है।

