इंडिगो संकट के चलते बीते चार दिनों से जारी फ्लाइट कैंसलेशन्स ने पैसेंजर्स को बेहाल कर दिया है. हालात इस कदर बिगड़ गए कि गृहमंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से बात करनी पड़ी. इसके बाद, फ्लाइट कैंसलेशन, घंटों लंबे डिले, रूट डिसरप्शन और एयरपोर्ट्स पर मची अफरा-तफरी को पटरी में लाने के लिए खुद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को खुद मोर्चा संभालना पड़ा. इसके बाद, इंडिगो के ऑफिशियल्स को एक बार फिर ताब किया गया. मीटिंग में उड्डयन मंत्री इंडिगो के रुख से असंतुष्ट नजर आए. मीटिंग में हालात को सामान्य करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए.
इस बीच उड्डयन मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि हमें कोई मजबूर नहीं कर सकता है. हालात सामान्य होने के बाद इंडिगो पर कार्रवाई भी होगी और मोटा जुर्माना भी लगेगा. इसके बाद, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स सामने आए और माफी मांगते हुए उन्होंने माना कि 5 दिसंबर को एयरलाइन की 1000 से अधिक फ्लाइट कैंसल हुईं. इंडिगो सीईओ ने माना कि उसकी ऑपरेशनल चेन में एक साथ आई कई तकनीकी और स्टाफिंग चुनौतियों के कारण फ्लाइट ऑपरेशंस में प्रॉब्लम आईं. एयरलाइन ने कहा कि कुछ दिन का समय लग सकता है.
नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन्स (FDTL) पॉलिसी को अस्थायी तौर पर ताक में रख दिया गया है, जिससे इंडिगो फ्लाइट ऑपरेशंस को सामान्य किया जा सके
सभी एयरलाइन्स खासकर इंडिगो को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे हर पैसेंजर को सही समय पर सही अपडेट दें, जिससे किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति न बन पाए.
रद्द फ्लाइट्स का पूरा ऑटोमेटिक रिफंड अनिवार्य कर दिया गया है. अब पैसेंजर्स को अपने एयर फेयर रिफंड के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
लंबे समय से एयरपोर्ट पर फंसे पैसेंजर्स खासकर सीनियर सिटिजन और दिव्यांग पैसेंजर्स को तुरं होटल, फूड और स्पेशल असिस्टेंस उपलब्ध कराया जाए.
एक हाईलेवल कमेटी भी गठित की गई है, जो यह पता लगाएगी कि सिस्टम ब्रेकडाउन के असली वजह क्या थी.
बीते 48 घंटे से जारी कवायद के बीच पैसेंजर्स की स्थिति जस की तस बनी हुई है. देश के कई एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ अलग-अलग तरह की परेशानियों से जूझ रही हैं

