नई दिल्ली. भारतीय टीम मैनेजमेंट बंगाल क्रिकेट संघ द्वारा कप्तान शुभमन गिल की गर्दन की ऐंठन के इलाज के लिए विशेषज्ञ की व्यवस्था में देरी से नाराज है. आनंदबाजार पत्रिका की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. गिल ने शनिवार, 15 नवंबर को सायमन हार्मर की गेंद पर चौका मारते समय गर्दन में चोट लगने के बाद मैदान छोड़ दिया. फिजियो ने उनकी देखभाल की और गिल ने केवल तीन गेंदों का सामना करने के बाद चार रन पर रिटायर हर्ट हो गए. उन्हें गर्दन और ऊपरी पीठ में दर्द और अकड़न के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यह सुनने में आया है कि भारतीय क्रिकेट टीम के भीतर इस बात को लेकर नाराजगी है कि उनका इलाज सही समय पर नहीं किया गया. शनिवार सुबह, ईडन टेस्ट के दूसरे दिन के वार्म-अप के दौरान उन्हें गर्दन में दर्द महसूस हुआ. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय टीम मैनेजमेंट ने एक विशेषज्ञ से इस मामले में सलाह देने का फैसला लिया. भारतीय कैंप से जानकारी मिली कि टीम के फिजियो और ट्रेनर की सलाह पर, गिल की चोट की जांच और दर्द से राहत के लिए एक विशेषज्ञ की व्यवस्था की गई थी. भारतीय टीम ने मैच आयोजकों से भी एक विशेषज्ञ डॉक्टर लाने का अनुरोध किया.
रिपोर्ट के अनुसार आरोप है कि उस समय मैदान पर कोई विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था, केवल एक आरएमओ उपलब्ध था. विशेषज्ञ लगभग 9:30 बजे पहुंचे, जब खेल पहले ही शुरू हो चुका था, जिससे गिल को उचित इलाज का मौका नहीं मिला. इसका नतीजा यह हुआ कि गिल गर्दन के दर्द के साथ बल्लेबाजी करने गए. एक स्वीप शॉट के साथ चौका मारने के बाद उन्हें दर्द में तड़पते हुए देखा गया और वे मैदान से बाहर चले गए घायल और रिटायर हर्ट हो गए. उन्होंने भारत की पहली पारी में फिर से बल्लेबाजी नहीं की.

