
श्री रामचरितमानस : (प्रबंधन और नेतृत्व के लिए एक मार्गदर्शक), पुस्तक का विमोचन एक सनातन मंत्री के कर–कमलों से हुआ, जैसे धर्म और शासन एक साथ प्रभु श्रीराम के चरणों में नतमस्तक हो उठे।
By the grace of Lord Almighty Sri Ramcharit Manas: A Guide to Management And Leadership, which beautifully blends timeless wisdom with modern leadership principles Book Launched by Hon’ble DR. Raghu Raj Singh Ji, Chairman and State Minister, Up govt.
पुस्तक झलक: श्रीरामचरितमानस – नेतृत्व की परंपरा से आधुनिकता तक
जब प्रबंधन की बात होती है, तो अक्सर पश्चिमी सिद्धांतों की ओर देखा जाता है। परंतु इस पुस्तक में एक विलक्षण प्रयास किया गया है—जहाँ भारतीय संस्कृति की आत्मा, श्रीरामचरितमानस, को आधुनिक नेतृत्व और प्रबंधन के संदर्भ में पुनर्परिभाषित किया गया है। डॉ. अनूप अर्पण की मौलिक दृष्टि और सुषमा चौधरी की भावनात्मक हिंदी अभिव्यक्ति इस ग्रंथ को एक नया आयाम देती है।
यह पुस्तक केवल तुलसीदास की रचनाओं का विश्लेषण नहीं करती, बल्कि उनमें छिपे नेतृत्व के सूत्रों को उजागर करती है। यह बताती है कि कैसे श्रीराम का धैर्य, लक्ष्मण का अनुशासन, सीता की गरिमा, और हनुमान की निष्ठा आज के कॉर्पोरेट जगत में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी त्रेता युग में थीं।
पुस्तक की अंतर्वस्तु में झाँकें:
– निर्णय की घड़ी में श्रीराम का विवेक: नेतृत्व में संतुलन का पाठ
– संकट में कैकेयी का दृष्टिकोण: जटिलताओं में रणनीति की भूमिका
– हनुमान जी की संचार शैली: प्रभावी संवाद और मिशन फोकस
क्या बनाता है इस पुस्तक को विशिष्ट:
– भारतीय ग्रंथों की गहराई को आधुनिक संदर्भों से जोड़ने का अभिनव प्रयास
– प्रबंधन के छात्रों से लेकर अनुभवी नेतृत्वकर्ताओं तक के लिए प्रेरणास्रोत
– भाषा में सहजता, भाव में गहराई, और दृष्टिकोण में नवीनता
यह पुस्तक एक सेतु है—परंपरा और आधुनिकता के बीच। यह दिखाती है कि नेतृत्व केवल पद नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है; और श्रीरामचरितमानस उस दृष्टिकोण का सबसे प्राचीन और प्रासंगिक स्रोत है।

