राजधानी की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को 265 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। दरअसल 10 अक्टूबर को डीपीसीसी ने इस पहल की शुरुआत की थी। इसके तहत आम लोगों, स्टार्टअप, शोध संस्थानों, नवाचार करने वालों, तकनीक विकसित करने वालों और विश्वविद्यालयों से वायु प्रदूषण कम करने के लिए तकनीकी समाधान के साथ प्रस्ताव मंगाए गए थे।
68 प्रस्ताव गाड़ियों का धुआं नियंत्रित करने के
एक अधिकारी के अनुसार अभी तक मिले 265 प्रस्तावों में से 68 जहां गाड़ियों का धुआं नियंत्रित करने के लिए हैं वहीं हवा साफ करने वाले 197 प्रस्ताव मिले हैं। डीपीसीसी ने इनकी समीक्षा भी शुरू कर दी है। समीक्षा के बाद इन प्रस्तावों की छंटनी की जाएगी। फिर प्रेजेंटेशन, फिल्ड ट्रायल एवं टेस्टिंग होगी।
डीपीसीसी की समीक्षा के बाद एक स्वतंत्र समिति से भी लिए उसकी तकनीकी प्रतिक्रिया ली जाएगी।इसके बाद नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री या इसके समकक्ष संस्थान से अंतिम राय ली जाएगी। दूसरे राउंड के बाद जिन प्रस्तावों का चयन होगा, उन्हें पांच लाख रुपये मिलेंगे। फाइनल टेस्टिंग के बाद जिन प्रस्तावों की सिफारिश दिल्ली सरकार करेगी, उन्हें 50 लाख रुपये मिलेंगे।
प्रस्तावों में दिए गए विभिन्न प्रकार के सुझाव
डीपीसीसी के पास आए प्रस्तावों में अलग अलग तरह के सुझाव दिए गए हैं। इनमें एक प्रस्ताव ऐसा भी मिला है जिसमें ट्रकों के ऊपर एयर प्यूरिफिकेशन मशीनें लगाने की बात है। एक प्रस्ताव के अनुसार आने वाले समय में प्रदूषक तत्व धूप में ही घुल जाएंगे। इसके लिए फोटोकैटेलिटिक कोटिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस तरह के बायोफिल्म पैनल देखने को मिल सकते हैं जो बिना बिजली के हवा को साफ करेंगे। एक अन्य प्रस्ताव में धूल का पूर्वानुमान एआई माॅडल से करने का सुझाव है। बिल्डिंगों की बाहरी दीवारों को हरा करने का भी सुझाव दिया गया है।

