Oasis News
चुनाव

कोई 27, कोई 95 वोट से हारा… बिहार की वो सीटें जहां मामूली अंतर से तय हुआ रिजल्ट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान यह नहीं लगा कि एनडीए के पक्ष में इतनी बड़ी लहर है। दो चरणों में हुए चुनाव और महज 40 दिन की पूरी प्रक्रिया के दौरान अंदरखाने लहर को भांपने में सियासी पंडित भी पिछड़ गए। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चाणक्य तथा गृहमंत्री अमित शाह भी नीतीश सरकार के पक्ष में चल रही इस आंधी को भांप नहीं पाए। उन्होंने बिहार में एनडीए को 160 सीटों के साथ बहुमत का दावा किया था, जबकि असल नतीजों में आंकड़ा 200 पार रहा। बिहार के पत्रकारों को भी एनडीए के इतनी बड़ी जीत का अनुमान नहीं था।

 

देशभर की तकरीबन डेढ़ दर्जन एजेंसियों ने 11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के अपने-अपने आंकड़े सार्वजनिक किए। एक को छोड़कर शेष एजेंसियों ने एनडीए सरकार की वापसी का दावा तो किया, लेकिन सीटें औसतन 133 से 150 तक ही दी थी। एक एजेंसी ने तो महागठबंधन की ही सरकार बनाने का अनुमान लगाया था, जबकि एक अन्य में दोनों गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर की बात कही गई थी।

बहरहाल, बिहार की जनता ने अपने फैसले से सबको छका दिया। यहां तक कि एनडीए के बड़े घटक दल भाजपा और जदयू को भी अनुमान नहीं था कि उन्हें क्रमश: 90 और 80 फीसदी से अधिक के स्ट्राइक रेट से सफलता मिलने जा रही है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के अन्य घटक दल लोजपा आर, हम और रालोमो ने भी क्रमश: 65, 83, 66 फीसदी सफलता पाई है।

 

दरअसल, मौजूदा राज्य सरकार के कामकाज को जनता किस कदर पसंद कर रही है, इसका सटीक अनुमान विपक्ष भी नहीं लगा सका। नीतीश सरकार के 20 साल के काम पर बिहार की अधिसंख्य जनता ने एक बार फिर से मुहर लगाई है और एनडीए गठबंधन को बिहार में अगले 5 साल तक सरकार चलाने का भारी मत दिया है।

 

एनडीए गठबंधन ने चुनाव घोषणा के करीब चार माह पूर्व ही जमीनी तैयारी शुरू कर दी थी। राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में इस गठबंधन ने जोर-शोर से कार्यकर्ता सम्मेलन किया था। एनडीए के पांच दल जदयू, भाजपा, रालोजपा, हम और रालोमो ने पांच पांडव की तरह जमीनी स्तर पर संगठक को एकजुट करने को शीर्ष प्राथमिकता दी थी। उसके बाद इस गठबंधन का जिला और प्रमंडल स्तर पर सफलतापूर्वक सम्मेलन हुआ। चुनावी सभाओं में भी यह एकजुटता दिखी।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी घटक दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे। इसके बाद बड़े नेताओं पीएम, सीएम, गृह मंत्री की अलग-अलग सभाएं होती रहीं और सभी में पांचों दल के कोई ने कोई प्रमुख नेता को शामिल किया गया। नीतीश और मोदी ने जहां भी रैलियां कीं, उस जिले के सभी एनडीए प्रत्याशी मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने जनता से सबको जीत देने की अपील की।

 

एनडीए की यह अप्रत्याशित जीत पांच दलों के एकजुटता के प्रतिफल के रूप में सामने आया है, जिसपर जनता ने अपनी मुहर लगाई है। वहीं, ‘इंडिया’ अलायंस यानी महागठबंधन आरंभ से ही बिखरा-बिखरा दिखा। और अंतत: उसे मुंह की खानी पड़ी।

Related posts

oasisadmin

बिहार की जनता ने इलेक्शन का रिजल्ट आते ही चुनाव आयोग से कर दी बड़ी मांग

oasisadmin

oasisadmin

Leave a Comment