Oasis News
इंटरनेशनल

मुस्लिम देश का नेता 80 साल बाद पहुंचा अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप के एक साथ पूरे होंगे कई मकसद

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शारा अमेरिका पहुंच गए हैं और उनकी आज डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होगी। यह मीटिंग और दौरा बेहद अहम है और इसका असर अमेरिका से हजारों किलोमीटर दूर मिडल ईस्ट तक देखने को मिलेगा। शारा को शुक्रवार को ही आतंकी ब्लैक लिस्ट से अमेरिका ने हटाया था और वह शनिवार को ही वॉशिंगटन पहुंच गए। कई अधिकारियों से मीटिंगों का दौर चला और अब अंत में ट्रंप से वह मिलने वाले हैं। यह मीटिंग बेहद खास है क्योंकि 1946 के बाद यानी करीब 80 साल बाद यह पहला मौका है, जब सीरिया के किसी राष्ट्रपति ने अमेरिका का दौरा किया है। बीते कुछ महीनों में घटनाक्रम तेजी से बदला है।

अमेरिका ने सीरिया पर लगीं सारी पाबंदियां हटा ली हैं। इस कदम पर सीरिया की सड़कों पर जश्न देखा गया था। इसके अलावा शारा की भी डोनाल्ड ट्रंप ने काफी तारीफ की थी। माना जा रहा है कि सीरिया को अचानक इतनी तवज्जो देने के पीछे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की कुछ योजना है। इनमें से एक यह है कि सीरिया को इजरायल के साथ अच्छे रिश्ते रखने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा सीरिया को भी अमेरिका अपने लिए मिडल ईस्ट में एक और चौकी के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है। ऐसा ही इजरायल और अमेरिका के रिश्तों के लिए भी कहा जाता है। रियाद में शारा और डोनाल्ड ट्रंप की मई में मुलाकात हुई थी।
सीरिया में अमेरिकी दूत टॉम बैरक ने यह उम्मीद भी जताई है कि शारा और ट्रंप के बीच आतंकवाद के खिलाफ जंग को लेकर भी एक करार होगा। इसके तहत अमेरिका दमिश्क में एक मिलिट्री बेस बनाएगा। माना जा रहा है कि यहां से अमेरिका को इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट का कहना है कि अहमद अल शारा सरकार से रिश्ते बेहतर हुए हैं। उनका कहना है कि सीरिया में 50 साल के असद शासन की समाप्ति के बाद हालात सुधरे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से सीरिया से पाबंदियां हटने से इलाके में स्थिरता पैदा होगी।
इस तरह शारा की एक विजिट से ट्रंप प्रशासन कई चीजें साधने वाला है। सीरिया की होम मिनिस्ट्री का कहना है कि उसने इस्लामिक स्टेट पर नियंत्रण के लिए 61 रेड मारी हैं और 71 लोगों को अरेस्ट किया है। स्पष्ट है कि शारा की एक विजिट से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को कई फायदे होने वाले हैं। इससे पहले शारा सितंबर में अमेरिका गए थे और संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लिया था। दशकों बाद ऐसा हुआ था, जब न्यूयॉर्क स्थित यूएन महासभा को सीरिया के नेता ने संबोधित किया। गुरुवार को ही अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में भी प्रस्ताव रखा जिसमें सीरिया से पाबंदियां हटाने की बात शामिल थी। फिलहाल पूरी दुनिया की ही नजर है कि अचानक सीरिया पर अमेरिका की मेहरबानी क्यों है और इसके क्या नतीजे भविष्य में देखने को मिलेंगे।

Related posts

oasisadmin

Palestinian people will never forget the Balfour Declaration, the original political sin” for kind circulation and necessary attention

oasisadmin

डोनाल्ड ट्रंप अगले साल आएंगे भारत! व्यापार वार्ता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, PM मोदी की जमकर तारीफ

oasisadmin

Leave a Comment