पहला टेस्ट मैच 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। इस मैच में दो ऐसे रिकॉर्ड बने थे, जो आज 146 साल बाद भी नहीं टूटे हैं। क्योंकि कुछ रिकॉर्ड टूटने के लिए बनते ही नहीं है। आइए जानते हैं कि वो रिकॉर्ड कौन से हैं। कहा जाता है कि हर रिकॉर्ड टूटने के लिए बनते हैं। आज नहीं तो कल वो रिकॉर्ड टूट ही जाते हैं। लेकिन क्रिकेट के मैदान पर कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी बनें तो 100 साल से ज्यादा समय होने के बाद आज तक नहीं टूटे। इस सीरीज में हम आपको उन्हीं अटूट रिकॉर्ड्स के बारे में बताएंगे। इसकी शुरुआत करते हैं क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच से। टेस्ट इतिहास का पहला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच हुआ था। 15 मार्च से 19 मार्च के बीच यह मुकाबला मेलबर्न में खेला गया था। इससे पहले क्रिकेट के कई मैच हुए थे, लेकिन आईसीसी के अनुसार आधिकारिक रूप से यह पहला इंटरनेशनल मैच था। उस समय सिर्फ टेस्ट ही खेला जाता था। इस मैच में दो ऐसे रिकॉर्ड बने थे, जो 146 साल बाद भी आज तक नहीं टूटा गया है।

वह मुकाबला सभी 22 खिलाड़ियों के लिए टेस्ट डेब्यू ही था। इसी में इंग्लैंड के एक खिलाड़ी थे, जेम्स साउथर्टन। मैच के शुरू होने के दिन उनकी उम्र 49 साल और 119 दिन थी। आज तक किसी भी खिलाड़ी ने उनसे ज्यादा उम्र में टेस्ट डेब्यू नहीं किया है। उनके बाद पाकिस्तान के मिरान बख्श का नंबर आता है। 1955 में उन्होंने 47 साल और 284 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट खेला था। उन्होंने इंग्लैंड के लिए दो टेस्ट मैच खेले। इसमें 7 विकेट लेने के साथ 7 ही रन बनाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 286 मैच में साउथर्टन ने 3159 रन बनाए और 1682 विकेट लिये।
इसी मैच में एक और ऐसा रिकॉर्ड बना था, जो आज तक नहीं टूटा। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 245 रनों पर सिमट गई थी। टीम के लिए सलामी बल्लेबाज चार्ल्स बैनरमैन ने इसमें 165 रन का योगदान दिया था। वह इसके बाद रिटायर हर्ट हो गए थे। चार्ल्स ने ऑस्ट्रेलिया की पारी के 67.34 प्रतिशत रन बनाए थे। आज तक किसी एक बल्लेबाज ने पूरी पारी में टीम के लिए इससे ज्यादा प्रतिशत रन नहीं बनाए। ऑस्ट्रेलिया के ही माइकल स्लेटर 1999 में इस रिकॉर्ड के पास जरूर पहुंचे थे। इंग्लैंड के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की टीम 184 रनों पर आउट हो गई थी। स्लेटर ने इसमें 66.84 प्रतिशत यानी 123 रनों का योगदान दिया था।